"जानिए, कैसे रोकें कालापानी और दृष्टि को बचाएं!”
ग्लौकोमा के होने के प्रमुख कारण आपकी पहले की पीढ़ी में काला पानी रोग होना,आप की आयु चालीस से ऊपर होना आँखों पर पुरानी चोटें एवं स्टेरॉयड का बहुत ज्यादा उपयोग हैं|
चश्मे का बार-बार बदलना, अँधेरे में असामान्य परेशानी, आँखों में या उसके आसपास बार-बार दर्द होना और काले धब्बे दिखना ग्लूकोमा की चेतावनी के संकेत हो सकते हैं ।
एक आँख की दृष्टि अचानक ख़त्म हो जाना, अचानक धुँधली दृष्टि होना, प्रकाश की चमक या काले धब्बे दिखना, प्रकाश के चारों ओर कलर दिखना, संभावित गंभीर समस्याओं के संकेत हो सकते हैं जिनके लिए एमेर्जेंसी चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है |
ऊपर लिखे लक्षणों का मतलब यह नहीं है कि आपको ग्लूकोमा है। हालाँकि, यदि आप इनमें से एक या अधिक लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो संपूर्ण जांच के लिए अपने आँखों के डॉक्टर से संपर्क करें।
ग्लूकोमा का पता कैसे लगाया जाता है?
ग्लूकोमा के कारण नज़र में होने वाले परिवर्तन का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका 40 वर्ष के बाद आँखों की नियमित जाँच कराना हैं। आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ ग्लूकोमा को जल्दी पकड़ सकते है और ऑप्टिक नर्व की क्षति और दृष्टि हानि को रोक सकते हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ आपकी आंखों के प्रेशर (टोनोमेट्री) को मापेंगे एवं आपकी ऑप्टिक नर्व की जांच करेंगे। ग्लूकोमा के प्रभावों की निगरानी के लिए नियमित अंतराल पर ऑप्टिक नर्व की जाँच और विसुअल फील्ड की जांच की जाती हैं। इन जांचों से प्राप्त जानकारी का उपयोग, किए जा रहे उपचार की प्रभावशीलता के बारे में जानने में मदद करता है |
ये जाँचे आपके वर्तमान ग्लूकोमा के उपचार को बदलने की जरुरत है या नहीं, के बारे में निर्णय लेने में भी मदद करती हैं| ये सभी परीक्षण हर व्यक्ति के लिए आवश्यक नहीं हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि क्या ग्लूकोमा से ऑप्टिव नर्व की क्षति है या नहीं।
आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ सभी जांचो के आधार पर यह निर्णय लेते है कि आपके ग्लूकोमा के इलाज की आवश्कता है या आप के आँखों में ग्लूकोमा के शुरुवाती लक्षण है | यदि शुरुवाती लक्षण हो तो नियमित रूप से निगरानी की जरुरत होती है |
ग्लूकोमा का उपचार हर केस में उसकी प्रवृत्ति और गंभीरता पर निर्भर करता हैं | काला पानी से नर्व को होने वाले नुकसान को पूर्ण तरीके से रिकवर नहीं किया जा सकता हैं , लेकिन भविष्य में होने वॉली क्षति को ऑय ड्रॉप्स, टेबलेट्स, लेज़र एवं सर्जरी द्वारा रोका या धीमा किया जा सकता हैं|
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